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Rewa MP: ऑटो चालक की बेटी बनी डिप्टी कलेक्टर, आयशा अंसारी ने MPPSC में हासिल की 12वीं रैंक, उप मुख्यमंत्री ने दी शुभकामनाएं।

Rewa MP: ऑटो चालक की बेटी बनी डिप्टी कलेक्टर, आयशा अंसारी ने MPPSC में हासिल की 12वीं रैंक!

 

रीवा की एक बेटी ने अपनी मेहनत और लगन से वो कर दिखाया है जो हर किसी के लिए प्रेरणा बन गया है। एक ऑटो चालक की बेटी आयशा अंसारी ने मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) की परीक्षा में 12वीं रैंक हासिल कर डिप्टी कलेक्टर का पद प्राप्त किया है। इस सफलता के पीछे आयशा की कड़ी मेहनत और उनके माता-पिता का त्याग है। उनकी इस उपलब्धि के बाद न सिर्फ परिवार, बल्कि पूरे इलाके में जश्न का माहौल है। आयशा ने इस मुकाम तक पहुंचने के लिए बिना किसी कोचिंग का सहारा लिया। उन्होंने अपनी पढ़ाई स्वाध्याय के जरिए पूरी की।आयशा की सफलता पर मध्यप्रदेश के उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला ने भी उन्हें फोन कर बधाई दी। उन्होंने आयशा की मेहनत और लगन को सराहा और इसे पूरे रीवा के लिए गर्व की बात बताया। आयशा अंसारी की यह कहानी यह साबित करती है कि कड़ी मेहनत, दृढ़ इच्छाशक्ति और माता-पिता का आशीर्वाद हो, तो कोई भी मंज़िल दूर नहीं होती। रीवा की यह बेटी अब लाखों युवाओं के लिए एक मिसाल बन गई है।

वीओ: रीवा की रहने वाली आयशा अंसारी ने गरीबी और कठिन परिस्थितियों के बावजूद अपने सपनों को साकार किया। उनके पिता, जो पेशे से एक ऑटो चालक हैं, ने उन्हें पढ़ाने-लिखाने के लिए हर संभव प्रयास किया। आयशा बताती हैं कि उनके पिता सुबह पुलिस कॉलोनी से गुजरते हुए अधिकारियों के बंगलों पर लगी नेमप्लेट्स देखते थे। वहां लिखे “कलेक्टर” और “डिप्टी कलेक्टर” जैसे पदनामों को देखकर उन्होंने आयशा से कहा था, “काश हमारे घर में भी कोई ऐसा अधिकारी हो।” इन शब्दों ने आयशा के भीतर जुनून जगा दिया। आयशा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा रीवा के एक निजी स्कूल से की। इसके बाद 12वीं तक की पढ़ाई शासकीय प्रवीण कुमारी कन्या स्कूल से की। अपनी कॉलेज की पढ़ाई उन्होंने शासकीय आदर्श महाविद्यालय से पूरी की। पढ़ाई के दौरान आयशा बच्चों को ट्यूशन पढ़ाती थीं ताकि अपने परिवार की आर्थिक मदद कर सकें। आयशा की इस उपलब्धि के बाद उनके घर और मोहल्ले में बधाई देने वालों की भीड़ लगी हुई है। हर कोई इस सफलता से खुश है और आयशा को बधाइयां दे रहा है। उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला ने फोन पर आयशा से विस्तार से बातचीत करते हुए कहा कि उनकी यह उपलब्धि लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा है।

डिप्टी कलेक्टर बनी आयशा अंसारी का कहना है कि “मेरे पिता हमेशा कहते थे कि मेहनत से हर सपना पूरा हो सकता है। मैंने उनकी इस बात को अपनी ताकत बनाया और आज उनके सपने को सच कर पाई। यह मेरी नहीं, मेरे माता-पिता की मेहनत और और ऊपर वाले की कृपा का नतीजा है।

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